भारतीय सेना के प्रमुख ऑपरेशन्स: वीरता और रणनीति का इतिहास

भारत की सीमाएं कई तरह की चुनौतियों का सामना करती हैं — आतंकवाद, सीमाई घुसपैठ, और प्राकृतिक आपदाएं। इन सभी परिस्थितियों में भारतीय सेना ने बार-बार अपना साहस, रणनीति और समर्पण साबित किया है। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे भारतीय सेना के कुछ ऐतिहासिक और चर्चित ऑपरेशन्स की, जिनकी गूंज आज भी सुनाई देती है।


🔥 1. ऑपरेशन विजय (1999) – कारगिल युद्ध

ऑपरेशन विजय भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध का हिस्सा था। पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी। भारतीय सेना ने बहादुरी और सटीक रणनीति से इन सभी घुसपैठियों को बाहर निकाल दिया।

📌 मुख्य तथ्य:

  • तारीख: मई-जुलाई 1999
  • स्थान: कारगिल, जम्मू-कश्मीर
  • विशेषता: ऊँचाई पर युद्ध, कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ

⚡ 2. सर्जिकल स्ट्राइक (2016) – आतंक के खिलाफ करारा जवाब

उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने पहली बार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया। यह ऑपरेशन रात्रि में विशेष बलों द्वारा किया गया और पूरी दुनिया ने भारत की कार्रवाई की सराहना की।

📌 मुख्य तथ्य:

  • तारीख: 28-29 सितंबर 2016
  • लीड: पैरा स्पेशल फोर्सेज
  • उद्देश्य: आतंकी लॉन्च पैड को नष्ट करना

🚁 3. ऑपरेशन मेघदूत (1984) – सियाचिन पर नियंत्रण

ऑपरेशन मेघदूत के माध्यम से भारत ने दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर पहले कदम रखे और इस क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित किया। आज भी सियाचिन में भारत की मौजूदगी इसी ऑपरेशन की वजह से है।

📌 मुख्य तथ्य:

  • स्थान: सियाचिन ग्लेशियर
  • चुनौती: -50°C तापमान, हिमस्खलन

🛡️ 4. ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984)

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में आतंकवादियों द्वारा कब्जा किए जाने पर भारतीय सेना ने यह ऑपरेशन चलाया। हालाँकि यह ऑपरेशन विवादास्पद रहा, लेकिन इसकी रणनीतिक गूंज काफी बड़ी थी।

📌 स्थान: स्वर्ण मंदिर, पंजाब
📌 उद्देश्य: हथियारबंद आतंकियों को हटाना


🛰️ 5. ऑपरेशन शक्ति (1998) – परमाणु परीक्षण

यह एक सैन्य ऑपरेशन नहीं बल्कि एक रणनीतिक शक्ति प्रदर्शन था। पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया।

📌 तारीख: 11 और 13 मई 1998
📌 नतीजा: वैश्विक स्तर पर भारत की रक्षा स्थिति मजबूत हुई


🌐 6. ऑपरेशन गंगा (2022) – यूक्रेन संकट में भारतीयों की वापसी

भले ही यह युद्ध से जुड़ा ऑपरेशन नहीं था, लेकिन भारतीय वायु सेना और अन्य एजेंसियों ने मिलकर यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीयों को सुरक्षित भारत वापस लाने का कार्य किया। यह एक ह्यूमनिटेरियन मिशन था।

📌 तारीख: फरवरी–मार्च 2022
📌 मुख्य भागीदारी: एयरफोर्स और नागरिक उड्डयन मंत्रालय


भारतीय सेना केवल युद्ध नहीं लड़ती — वह देश की संप्रभुता, नागरिकों की सुरक्षा और वैश्विक स्थिति को भी संभालती है। इन ऑपरेशनों के माध्यम से हम भारतीय सेना की रणनीतिक कुशलता, तकनीकी दक्षता और देशभक्ति को समझ सकते हैं।

🇮🇳 जय हिन्द!

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